बिना काम करे पैसे कैसे कमाए
दोस्तों अगर आप ज्यादा से ज्यादा पैसे कामना चाहते है और काम कम से कम करना चाहते है तो सबसे पहले आपको इनकम, उसके प्रकार तथा स्त्रोतों को समझना होगा।
आय एक धनराशि होती है जो व्यक्ति या संस्था अपनी विभिन्न गतिविधियों से या निवेश से कमाता है। इसे आम तौर पर वेतन, मुनाफा, ब्याज आदि से प्राप्त किया जाता है। आय का महत्वपूर्ण अंग है व्यक्ति या संस्था की आर्थिक स्थिति को सुनिश्चित करना।
आय के मुख्य प्रकार
दोस्तों आय मुख्यरूप से दो प्रकार की हो सकती है।
- एक्टिव इनकम
- पैसिव इनकम
आय के कुछ अन्य प्रकार हैं
- सैलरी इनकम: जो व्यक्ति किसी कंपनी या संस्था में नौकरी करता है, उसकी सैलरी इनकम होती है।
- बिजनेस इनकम: जो व्यक्ति अपना व्यवसाय चलाता है, उसकी बिजनेस इनकम होती है।
- कैपिटल गेन इनकम: जो व्यक्ति अपनी संपत्ति को बेचकर या निवेश करके पैसे कमाता है, उसे कैपिटल गेन इनकम कहा जाता है।
- इंटरेस्ट इनकम: जो व्यक्ति अपनी बचत या इन्वेस्टमेंट से ब्याज कमाता है, उसे इंटरेस्ट इनकम कहा जाता है।
- पैसिव इनकम: जो व्यक्ति अपने निवेशों से, किराएदारी से, रोयल्टी या अन्य स्रोतों से नियमित रूप से आय प्राप्त करता है, उसे पैसिव इनकम कहा जाता है।
- कैपिटल लॉस इनकम: जो व्यक्ति अपनी संपत्ति को बेचकर नुकसान झेलता है, उसे कैपिटल लॉस इनकम कहा जाता है।
- रोयल्टी इनकम: जो व्यक्ति अपनी रचनात्मक उत्पादन, जैसे कि बुक, संगीत, फ़िल्म, सॉफ्टवेयर इत्यादि से आय प्राप्त करता है।
पैसिव इनकम
पैसिव इनकम स्रोत वे स्रोत होते हैं जिनसे लोग नियमित रूप से आय प्राप्त कर सकते हैं, इसे उन्हें पूर्व नियोजित काम नहीं करना पड़ता है। कुछ प्रमुख पैसिव इनकम स्रोत हैं जैसे:
- किराएदारी: अपनी संपत्ति को किराए पर देने से लोग पैसिव इनकम कमा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको पहले मकान या दुकान बनाना पड़ेगा उसके बाद आप इसको किराये पर दे सकते है, मकान बनाने में बहुत सारा धन तथा समय खर्च हो जाता है।
- शेयर बाजार में निवेश: शेयर बाजार में निवेश करके भी पैसिव इनकम कमाया जा सकता है। इसमें डिविडेंड निवेश, लंबे समय के लिए निवेश आदि शामिल होते हैं। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको पहले अपना Demat Account खोलना होता है उसके बाद आप निवेश शुरू कर सकते है।
- ब्लॉगिंग और व्यवसाय: व्यवसाय और ब्लॉगिंग एक अच्छा पैसिव इनकम स्रोत है। यहां लोग एक बार मेहनत करके अपने व्यवसाय को स्थायी रूप से नियोजित करके पैसिव आय प्राप्त कर सकते हैं।
- रोजगार कार्य: ऑनलाइन फ्रीलांसिंग, ब्लॉग लेखन, सर्वेक्षण करना, अनुवाद करना, फोटोग्राफी आदि कुछ रोजगार कार्य भी लोगों को पैसिव इनकम कमाने का मौका देते है
कौन सा पैसिव इनकम सोर्स अपनाये
ऊपर दिए गए सभी विकल्पों में से आप अपनी आर्थिक स्थिति तथा ज्ञान के आधार पर किसी भी विकल्प को चुन सकते है तथा अपने लिए पैसिव इनकम सोर्स बना सकते हैं। अगर आप मेरा एक्सपीरियंस पूछते है कि कौन से इनकम सोर्स पर कार्य करना चाहिए तो मैंने ऊपर दिए गए सभी पैसिव इनकम सोर्सेज पर काम किया है तथा आज मै अच्छी पैसिव इनकम कमा पा रहा हूँ। जब मैंने इन पर काम करना शुरू किया था तो मेरे पास बिलकुल भी आईडिया नहीं था की काम कैसे करना है। लेकिन मैंने मन में ठान लिया की मै कमाऊंगा तो बस पैसिव इनकम ही। और लग गया काम में फिर जितना आगे बढ़ते गए मंजिल और रास्ता दिखने लग गया।
किसी भी सोर्स को चुनने से पहले उसके बारे में ज्ञान जरूर लेले नहीं तो आपको बहुत दिकत्तो का सामना करना पड़ सकता है। इस पोस्ट में आगे आपको शेयर मार्किट के बारे में बताया गया है। जिससे आप पैसिव इनकम कमा सकते है।
Share Market for Beginners
शेयर बाजार एक ऐसा वित्तीय बाजार है जहाँ कम्पनियों के Share बिकते हैं। ये शेयर बाजार उसी तरह काम करते हैं जैसे कि कोई दूकान जहाँ अगर कोई वस्तु बेचनी होती है तो उसका मूल्य निर्धारित करके उसे बेचा जाता है। इसी तरह शेयर बाजार में भी कंपनियों के शेयर का मूल्य निर्धारित होता है और उन्हें बेचा जाता है।
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। पहले से ही स्पष्ट हो कि यह एक निवेश होता है जिसमें आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अतः निवेश से पहले आपको अपनी निवेश क्षमता का निर्धारण करना होगा।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण
- शेयर बाजार की समझ: शेयर बाजार के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है। आपको शेयर बाजार में कैसे निवेश करना है, शेयरों की विविधता, शेयरों की कीमतों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
- निवेश करने के लिए बजट तय करें: आपको यह तय करना होगा कि आप कितना पैसा शेयर बाजार में निवेश करने के लिए उपलब्ध करा सकते हैं।
- शेयर बाजार के विभिन्न विकल्पों की जांच करें: आपको शेयर बाजार में निवेश करने के लिए विभिन्न विकल्पों को जांचने की जरूरत होगी, जैसे कि शेयर या म्यूचुअल फंड।
- डेमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: आपको एक डेमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता होगी, जो आपको शेयर खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलना होगा जो आपको शेयर बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के कुछ प्रमुख प्रकार
- इंट्राडे ट्रेडिंग: इसमें ट्रेडर एक दिन में शेयर खरीदते हैं और उन्हें उसी दिन बेच देते हैं। इसमें ट्रेडरों को समय के खर्च की जरूरत नहीं होती है और वे दैनिक लाभ के लिए बाजार के तेजी से फायदा उठाते हैं।
- स्विंग ट्रेडिंग: इसमें ट्रेडर शेयरों को थोड़े समय तक खरीदकर रखते हैं जैसे कि एक सप्ताह या एक महीना। इस तरह के ट्रेडिंग में ट्रेडर स्विंग के अनुसार लाभ उठाते हैं।
- डेलीवरी ट्रेडिंग: इसमें ट्रेडर शेयरों को खरीदने के बाद उन्हें लंबे समय तक रखते हैं। इसमें निवेशक शेयरों के विस्तारित वित्तीय लाभ का लक्ष्य रखते हैं।
- ऑप्शन और फ्यूचर ट्रेडिंग: इसमें ट्रेडर अपने भविष्य के नुमाइंदगी के आधार पर शेयर के विकल्प खरीदते हैं।
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निवेश और ट्रेडिंग में अंतर
- समय की अवधि: निवेश लंबे समय तक किया जाता है जबकि ट्रेडिंग केवल कुछ ही दिनों, या कुछ ही घंटों में होता है।
- लक्ष्य: निवेश का मुख्य लक्ष्य संचय करना और धन का निर्माण करना होता है, जबकि ट्रेडिंग में मुख्य लक्ष्य कम समय में लाभ कमाना होता है।
- विवरण: निवेश एक निर्धारित राशि और समय के लिए किया जाता है, जबकि ट्रेडिंग एक निश्चित मूल्य या मूल्य विवरण पर आधारित होता है।
- खतरा: निवेश अधिकतम नुकसान को कम करने के लिए किया जाता है, जबकि ट्रेडिंग ज्यादा रिस्क लेता है।
- ट्रांजैक्शन शुल्क: निवेश में ट्रांजैक्शन शुल्क कम होता है, जबकि ट्रेडिंग में ट्रांजैक्शन शुल्क अधिक होता है।
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