बाल दिवस पर एक उत्साहपूर्ण भाषण
आदरणीय शिक्षकगण, प्यारे बच्चों और मेरे सभी साथियों,
आज हम सभी यहाँ बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दिन हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती भी है। चाचा नेहरू बच्चों से अत्यंत प्रेम करते थे, और बच्चों ने उन्हें स्नेह से ‘चाचा’ कहना शुरू किया। उनका मानना था कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं, और इन्हें अच्छी शिक्षा और संस्कार देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
बच्चों, आप सभी इस देश के भविष्य निर्माता हैं। आपके हाथों में इस देश को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की जिम्मेदारी है। आप सभी का सपना पूरा हो, और आप में से हर कोई डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक, कलाकार, या समाज में योगदान देने वाला कोई भी व्यक्ति बन सकता है। हमें विश्वास है कि आप अपनी मेहनत और लगन से देश का गौरव बढ़ाएँगे।
अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना आवश्यक है। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए। एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मन का वास होता है। आज के कार्यक्रमों में हम देखेंगे कि कैसे सभी बच्चे अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन कर रहे हैं। ये गतिविधियाँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं हैं, बल्कि हमें आत्मविश्वास और कौशल सिखाने के लिए हैं।
आप सभी को अपने माता-पिता और शिक्षकों का आदर करना चाहिए। ये वही लोग हैं जो आपको सही राह दिखाते हैं और हमेशा आपका भला चाहते हैं। अपने दोस्तों के साथ प्रेम से रहें, एक-दूसरे का सम्मान करें और एकता में शक्ति का अनुभव करें। जब हम मिलकर आगे बढ़ते हैं, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती।
आज के इस खास मौके पर, मैं आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएँ देता हूँ। आप सभी उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर हों और इस देश को प्रगति के पथ पर ले जाएँ।
हम चाचा नेहरू की तरह हर बच्चे में संभावनाओं को देखेंगे, हर बच्चे को प्रेरित करेंगे और हर बच्चे के सपनों को साकार करने में अपना योगदान देंगे। आइए, मिलकर एक नया और उज्ज्वल भारत बनायें।
जय हिंद!